Wednesday, December 24, 2025
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भगवान श्री 1008 चन्द्रप्रभु एवं भगवान श्री 1008 पार्श्वनाथ के जन्म एवं तप कल्याणक महोत्सव के पावन अवसर पर पारस मैत्रेयी संगठन द्वारा वात्सल्य भोज का आयोजन किया गया समय व्यूज गौरव प्रजापति

भगवान श्री 1008 चन्द्रप्रभु एवं भगवान श्री 1008 पार्श्वनाथ के
जन्म एवं तप कल्याणक महोत्सव के पावन अवसर पर पारस मैत्रेयी संगठन द्वारा वात्सल्य भोज का आयोजन किया गया


समय व्यूज गौरव प्रजापति

कानपुर _भगवान श्री 1008 चन्द्रप्रभु एवं भगवान श्री 1008 पार्श्वनाथ के जन्म एवं तप कल्याणक महोत्सव के पावन अवसर पर पारस मैत्रेयी संगठन द्वारा वात्सल्य भोज का आयोजन किया गया आप को बताते चलें दिनांक 21 दिसम्बर 2025, दिन रविवार को भगवान श्री 1008 चन्द्रप्रभु एवं भगवान श्री 1008 पार्श्वनाथ के जन्म एवं तप कल्याणक महोत्सव के पावन अवसर पर पारस मैत्रेय संघटन संगठन द्वारा वात्सल्य भोज का भव्य एवं सफल आयोजन किया गया। वही इस अवसर पर पारस मैत्रेय संगठन की अध्यक्ष श्रीमती सुनीता जैन ने बताया कि संघटना विगत 17 वर्षों से निरंतर निर्धन, असहाय एवं जरूरतमंद जनों की सेवा में समर्पित भाव से कार्य कर रही है। संगठन द्वारा नियमित रूप से ताजा भोजन वितरण, गर्म वस्त्रों एवं औषधियों का वितरण किया जाता है। यह सेवा कार्य जैन धर्म के करुणा, अहिंसा एवं मानव सेवा के मूल सिद्धांतों का सजीव उदाहरण है।
वही कार्यक्रम के संयोजक श्री मुकेश जैन एवं श्री वीरेन्द्र जैन ने जानकारी देते हुए बताया कि इस अवसर पर लगभग 2000 व्यक्तियों के लिए वात्सल्य भोज की व्यवस्था की गई तथा करीब 1100 सेट गर्म वस्त्रों का वितरण किया गया। वही इस अवसर पर श्री विशाल जैन ने जानकारी देते हुए बताया कि संगठन द्वारा रामा डेंटल कॉलेज के सहयोग से एक निःशुल्क दंत चिकित्सा शिविर का भी आयोजन किया गया, जिसमें 200 से अधिक लोगों ने दंत परीक्षण एवं उपचार की सुविधाओं का लाभ प्राप्त किया।इसके अतिरिक्त संगठन द्वारा एक निःशुल्क सामान्य चिकित्सा शिविर का भी आयोजन किया गया, जिससे बड़ी संख्या में जरूरतमंद लोगों को लाभ मिला।कार्यक्रम के दौरान जैन तिथि कैलेंडर का लोकार्पण माननीय विधायक श्री अमिताभ बाजपेयी जी के करकमलों द्वारा सम्पन्न हुआ। इस गरिमामयी अवसर पर श्रीमती सोनिया जैन, नेहा जैन, शिवांगी जैन, रश्मि जैन, नीतू जैन, सुलेख जैन, राज जैन एवं मनीषा जैन विशेष रूप से उपस्थित रहीं। वही महोत्सव में जैन समाज के सदस्यों ने बड़ी संख्या में सहभागिता कर धर्म, सेवा एवं सामाजिक समरसता का प्रेरणादायी संदेश दिया।

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