*पत्रकार शाबिर अली पर हुए जानलेवा हमला पत्रकारो में आक्रोश*
*समय व्यूज संवाददाता हकीम आजाद*
पत्रकार साबिर अली पर हुए जानलेवा हमले से पत्रकारों में आक्रोश। हमलावरों की दबंगई और गुंडागर्दी के सामने पुलिस भी बनी रही मूकदर्शक। पुलिस की मौजूदगी में हमलावरों ने न सिर्फ़ पत्रकारों के साथ अभद्रता की बल्कि गाली गलौज देते हुए जान से मारने की भी धमकी दी। पत्रकारों ने मुख्य चिकित्साधिकारी को शिकायती पत्र देकर मामले की जांच व कार्यवाही की मांग की।
पीड़ित पत्रकार साबिर अली ने बताया कि 26 अगस्त 2024 को समय लगभग दोपहर 12:24 बजे के क़रीब सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र तुलसीपुर के अधीक्षक डॉक्टर सुमन सिंह चौहान ने पीड़ित पत्रकार साबिर को फ़ोन कर कहा कि लखनऊ पॉली क्लीनिक तुलसीपुर की जांच करने जा रहा हूं आकर कवरेज कर लें। अधीक्षक की सूचना पर जब कवरेज के लिए पत्रकार साबिर उपरोक्त क्लीनिक पर पहुंचे तो क्लीनिक के संचालक डॉक्टर आलोक सिंह ने आक्रोशित हो कर पत्रकार साबिर अली पर जानलेवा हमला कर दिया। आरोपों की मानें तो हमलावर डॉक्टर आलोक सिंह व उनके पिता राघवेंद्र सिंह ने क्लीनिक के अपने दबंग साथियों को उकसाते हुए कहा कि इसे उठा कर अंदर ले जाके इसकी हत्या कर दो बाक़ी मैं सब देख लूंगा। उपरोक्त हमलावरों के उकसाने पर क्लीनिक के दर्जनों लोगों ने पीड़ित पत्रकार पर जानलेवा हमला करते ही बेरहमी से मारना पीटना शुरू कर दिया और उठा कर क्लीनिक के कमरे में बंधक बना के पीड़ित पत्रकार का मोबाइल फ़ोन तोड़ दिया। पुलिस ने मौके पर पहुंच कर हमलावरों के चंगुल से पीड़ित पत्रकार को किसी तरह छुड़ाया और थाना कोतवाली तुलसीपुर ले आए। पुलिस के कारण पत्रकार साबिर अली की जान बची।
पत्रकार साबिर अली ने बताया कि पुलिस को शिकायती प्रार्थना पत्र दिया गया है। डॉक्टरी में आंख के साथ ही जिस्म के कई हिस्सों में गंभीर चोट आई है इसके अलावा सीने की हड्डी भी फ्रेक्चर बताई जा रही है। पत्रकार पर जानलेवा हमले की सूचना मिलते ही बड़ी संख्या में पत्रकार थाने पहुंचे और फ़िर मामले की ख़बर निष्पक्ष होकर कवर करने के लिए हमलावरों को पक्ष जानने के लिए पहुंचे तो हमलावरों ने समस्त पत्रकारों के साथ भी अभद्रता करते हुए गाली गलौज शुरू कर दी तथा दलित शब्द का प्रयोग अभद्रतापूर्ण ढंग से करते हुए जाति सूचक गालियां देकर जान से मारने की धमकी देने लगे। आरोपों की बात करें तो पत्रकार पर जानलेवा हमला करने वाले उपरोक्त हमलावरों ने अपने परिवार की महिलाओं को आगे कर दिया और महिलाएं सड़क पर ही बेवजह उत्पात मचाने लगीं। पत्रकारों को फर्जी मुकदमें में फंसाने की धमकी देते नी वस्त्र भी हो गईं। पत्रकारों ने पुलिस को सूचना दी तो मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस फ़ोर्स पहुंच गई। पुलिस की मौजूदगी में भी उपरोक्त विपक्षिगण दबंगई, गाली गलौज और अभद्रता पर आमादा रहते हुए हुड़दंग और हंगामा करते रहे।
पत्रकारों ने संयुक्त रूप से एक प्रार्थना पत्र मुख्य चिकित्साधिकारी को देकर उपरोक्त क्लीनिक की हर स्तर पर जांच कराने तथा संबंधित क्लीनिक संचालक की डिग्रियों की जांच कराकर वैधानिक कार्यवाही की मांग की है। सीएमओ ने एक जांच कमेटी गठित कर निष्पक्ष जांच का आश्वासन पत्रकारों को दिया है। वहीं दूसरी तरफ विपक्षी राघवेंद्र सिंह पुत्र भानू प्रताप सिंह निवासी ग्राम भगहाकलां, भचकहिया थाना कोतवाली तुलसीपुर ने पुलिस को शिकायती प्रार्थना पत्र देकर अधीक्षक डॉक्टर सुमन सिंह पर प्रताड़ित कर अवैध वसूली करने का आरोप लगाया है। इसके अलावा पत्रकार साबिर पर गाली गलौज देने और मारपीट का भी आरोप लगाया है। पुलिस जहां पूरे प्रकरण की जांच के बाद कार्यवाही की बात कह रही है तो वहीं पत्रकार भी दबंग हमलावरों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर सख़्त कार्यवाही के साथ ही उपरोक्त क्लीनिक के विरुद्ध भी वैधानिक कार्यवाही की मांग कर रहे हैं। पत्रकारों ने कहा कि अगर पत्रकार साबिर अली के हमलावरों पर कार्यवाही नहीं की गई तो हम आंदोलन पर विवश होंगे।