देश का चौथा स्तंभ असुरक्षित सरकार सुरक्षा के करें सार्थक उपाय – अनिल पाठक
मुकेश चंद्राकर के नृशन्स हत्या पर गरजे पत्रकार राष्ट्रपति को संबोधित भेजा ज्ञापन
*समय व्यूज संवाददाता हकीम आजाद*
बलरामपुर।
बड़े घोटाला खुलासे को लेकर छत्तीसगढ़ प्रांत के बीजापुर निवासी खबर नवीस सुरेश चंद्राकर के नृशस हत्या के विरोध में पत्रकार सुरक्षा परिषद के सदस्यों जिला अध्यक्ष अनिल कुमार पाठक के अगुवाई में गगन भेदी नारों के साथ राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन डीएम को सौंपा।
संगठन की जिला अध्यक्ष अनिल कुमार पाठक के नेतृत्व में पत्रकारों का हजूम कलेक्ट पहुंचा। चंद्राकर के लम हर्षद नेशनल साहित्य से आहत पत्रकारों ने चौथे स्तंभ की रक्षा सुरक्षा के मुहैया कराने के साथ पीड़ित पत्रकार के परिजन को 5 करोड रुपए की सहायता तथा उसके एक परिवार को सेवायोजन की मांग की।
जिलाध्यक्ष श्री पाठक ने अपने संबोधन में कहा कि भारत की आजादी में कालांतर के पत्रकारों की एक बहुत बड़ी भूमिका थी
लाला लाजपत राय की बलराम को बुलाया नहीं जा सकता आजादी के दीवाने पत्रकार लाला लाजपत राय को साइमन कमीशन को लेकर व्यक्तिगत रूप से 1924 को अंग्रेज के एसपी ने लाठियां से पीट कर हत्या कर दी। पत्रकारिता जगत के पितामह मदन मोहन मालवीय पंडित मोतीलाल नेहरू महात्मा गांधी रविंद्र नाथ टैगोर सुभाष चंद्र बोस सिस्टर निवेदिता रामानंद चटर्जी प्रेमचंद सी. एफ. एड्रजआदि संपादकों ने अपनी लेखनीको धार दिया।लेखनी के साथ-साथ स्वतंत्रता यज्ञ में सशरीर सहभाग दिया.कठोर यातनाएं झेली। इन पत्रकारों ने ऐतिहासिक अवदान तथा समर्पण ने स्वतंत्रता की यज्ञ में अपनी आहुति देकर स्वाधीनता आंदोलन को सफल बनाया।
अंग्रेजों की कठोर यातनाये सही. तब यातनाओं को आत्मसात किया देश के कोने-कोने में पत्रकारों ने स्वाधीनता के अलग जगाने के जुर्म में कैद खानों में कैद रहे। तब जाकर पत्रकारिता राष्ट्र के चौथे स्तंभ में सुमार हुआ।
श्री पाठक ने आगे कहा कि क्या हमारे बलिदानी संपादक पत्रकार जो हंसते-हंसते अंग्रेजों की कठोर यातनाएं सहकर भी अपनी लेखनी को मंद गति तथा विराम नहीं लेने दिया क्या इन्हें इसका अंदाजा रहा होगा की मुट्ठी भर आताताई, गुंडे, माफिया, अपराधी, स्वतंत्र भारत में सच लिखने के एवज में अमानवीय नृशश हत्या को अंजाम देंगेऔर हमारी व्यवस्था लचर सी दिखेगी।
जिला अध्यक्ष अनिल कुमार पाठक ने सरकार से मांग किया कि चंद्राकर हत्याकांड में नियमित सुनवाई के लिए विशेष न्यायालय का गठन करें जैसा कि कई मामलों में ऐसा हो चुका है.जैसे उत्तर प्रदेश में कल्याण सिंह और जगदंबिका पाल मुख्यमंत्री शपथ को लेकर रात्रि में हाईकोर्ट की बेंच ने सुनवाई कर कल्याण सिंह के पछ में फैसला सुनाया था। ठीक इसी तरह पत्रकार चंद्राकर मामले में ऐसे ही कार्रवाई होने से निर्भीक अपराधियों के हौसले प्रस्थ होंगे और पीड़ित को शीघ्र न्याय के आस के दरवाजे खुल जाएंगे। श्री पाठक ने मांग किया कि चंद्राकर के हत्या में षड्यंत्र कारियो के विरुद्ध मुकदमा चला कर फांसी की सजा दी जाए जैसा कि संविधान में हत्या को फांसी की सजा का प्रावधान है। श्री पाठक ने कहा कि पत्रकारों के कलम को कुंठित किया जा रहा है।एक अदना सा लफंगा जो पत्रकार को सरे राह अपमानित किया कर रहा है। पत्रकारों के उत्पीड़न की घटनाएं बहुत तेजी से बढ़ रही हैं। पत्रकारों में आक्रोश है भय का माहौल है। चिंता का विषय है कि कहीं पत्रकार अपनी सुरक्षा के लिए खुद कलम के साथ-साथ शस्त्र न उठा ले। पत्रकार सुरक्षा परिषद बैनर तले एकत्रित सैकड़ो पत्रकारों ने मुकेश चंद्राकर के लोम हर्षक हत्या की घोर निंदा किया।
संवाददाता हकीम आजाद