कानपुर फिजियोथेरेपिस्ट एसोसिएशन एवं रीजेंसी हॉस्पिटल के संयुक्त तत्वाधान में सीएमई.का हुआ आयोजन
समय व्यूज/संवाददाता
कानपुर। रविवार को जीटी रोड स्थित एक होटल फिजियोथेरेपिस्ट संगठन एवं रीजेंसी हॉस्पिटल के संयुक्त तत्वाधान में एक सीएमई.का आयोजन दीप प्रज्वलित करके किया गया। सीएमई. में रीजेंसी हॉस्पिटल से ऑर्थोपेडिक के डायरेक्टर डॉ. राघवेंद्र जायसवाल ने बताया कि गठिया की शुरुआत में फिजियोथेरेपी से बहुत सुधार होता है लेकिन यह कंडीशन क्रॉनिक हो जाती है तब नी रिप्लेसमेंट (घुटना बदलवाने) की जरूरत पड़ती है।जिन-जिन मरीजों के घुटने का दर्द अधिक तीव्र और बार-बार बढ़ रहा है या गतिशीलता तेजी से सीमित हो गई है या उनके घुटने में सूजन रहती है तथा रोजमर्रा के काम करना चलने फिरने में परेशानी का सामना करना पड़ता है तो ऑपरेशन के अंतर्गत इसमें सुधार किया जा सकता है तथा
ऑपरेशन के बाद फिजियोथैरेपि बहुत ही ज्यादा आवश्यक है जिससे मरीज को भविष्य में आगे कोई भी समस्या नहीं होगी। रीजेंसी हॉस्पिटल के एसोसिएट डायरेक्टर ऑथेंपिडिक डॉक्टर हरप्रीत सिंह ने बताया कि जिन मरीजों को रीड की हड्डी की गुड़िया खिसकने की वजह से दर्द होता है य रीड की हड्डी में ट्यूमर या इंफेक्शन हो जाता है य यह स्पाइन तथा गर्दन के ऊपर य नीचे का हिस्सा टूट जाता है इसकी वजह से जो भी समस्याएं उत्पन्न होती है उसका ऑपरेशन के तहत बहुत ही सरल तरीके से उपचार संभव है तथा उनके ऑपरेशन के बाद भी फिजियोथैरेपी लगातार लेना बहुत आवश्यक है जिससे आगे चलकर मरीज को बढ़ती हुई समस्या धीरे-धीरे कम होने लगेगी। डॉ. अजीत तिवारी प्रिंसिपल कंसलटेंट ऑधपिडिक (हैंड सर्जन), रीजेंसी हॉस्पिटल ने बताया कि कंधे से लेकर उंगलियां तक काफी जटिल जॉइंट है जिसका इलाज आजकल हैंड सर्जन के द्वारा किया जा रहा है पूरे भारत में लगभग 300-350 सर्जन पूरे भारत में है और तथा उत्तर प्रदेश के इस बीमारी में लोगों की जागरूकता न बढ़ने के कारण यह बीमारी दिन पर दिन बढ़ती जा रही है और अगर कंधे जाम से लेकर उंगलियां तक कोई भी समस्या हो तो हैंड सर्जन के पास जाकर परामर्श लेने से यह समस्या जल्द से जल्द ठीक की जा सकती है। कार्यक्रम के शुभारंभ के दौरान के पीए. के अध्यक्ष डॉ. नरेंद्र पाण्डेय ने बताया कि हमारा संगठन हमेशा फिजियोथेरेपी एवं फिजियोथैरेपिस्ट के हित में हमेशा कार्य करता रहेगा।केपीए.के उपाध्यक्ष डॉ,उमेश चंद्र मिश्रा ने बताया कि कानपुर, लखनऊ, उन्नाव, फतेहपुर, बांदा, औरैया, इटावा, लखनऊ, प्रयागराज, के लगभग 80-90 भौतिक चिकित्सकों ने इस सीएमई. में भाग लिया। सीएमई.के उपरांत सभी भौतिक चिकित्सकों को सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया गया। संगठन के कोषाध्यक्ष डॉ, सत्येंद्र उपाध्याय ने बताया कि इस संगठन का मुख्य उद्देश्य कानपुर समेत अन्य क्षेत्रों तथा शहरों में कार्यरत सभी फिजियोथैरेपिस्ट को नई अत्याधुनिक तकनीकों द्वारा शिक्षित किया जाए। कार्यक्रम में मुख्य रूप से संगठन के पेटर्स डॉ एस डी. सिंह परिहार तथा कानपुर यूनिवर्सिटी के डायरेक्टर डॉ. दिग्विजय शर्मा जी, रामा यूनिवर्सिटी से डॉ. निधि अग्रवाल एवं डॉ. अनुज द्विवेदी, एवं अन्य फिजियोथैरेपिस्ट उपस्थित रहे। केपीए. के संयुक्त सचिव डॉ. अरविंद सिंह एवं डॉ गौतम चौधरी तथा डॉ अभिषेक जॉय ने बताया कि प्रोग्राम के पहले मीटिंग हुई जिसके अंतर्गत सितंबर 2025 में विशाल राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया जाएगा। कार्यक्रम में मुख्य रूप से डॉ. अनुराग स्वरूप, डॉ. अमित पाल, डॉ नीलू कुमार, डॉ अंकुर गौतम, डॉ राम मोहन शाक्य उपस्थित रहे।