विनयशील व्यक्ति का होता है सर्वत्र सम्मान (आचार्य अभिषेक)
समय व्यूज/अरुण जोशी
कानपुर। बाबा महाकालेश्वर मन्दिर में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के चतुर्थ दिवस पर आचार्य अभिषेक शुक्ल ने कहा कि विनयशीलता अपयश का नाश करती है पराक्रम अनर्थ को दूर करता है क्षमा सदा ही क्रोध का नाश करती है और सदाचार कुलक्षण का अन्त कर देता है,श्रद्धा और समर्पण का भाव मनुष्य में तभी जाग्रत होता है जब वह विनयान्वित हो,विनय में नमन की प्रधानता रहती है,नमन में मनुष्य फलों से पूरित वृक्षों की भांति सदैव विनम्र रहता है,उसका यह झुकाव गुणों के प्रति होता है,दुर्गुणों के प्रति नहीं जो गुणों और गुणीजनों के प्रति सदा नतमस्तक रहता है ज्योतिषाचार्य नरेन्द्र शास्त्री ने कहा इसके लिए ही मनुस्मृति में कहा गया उसकी आयु,विद्या,यश और बल ये चारों निरन्तर वर्धमान रहते हैं विनय एक उत्तम सद्गुण है प्रह्लाद चरित्र, बलि वामन संवाद,श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की कथा सुनाई,नंदोत्सव बड़े ही हर्ष के साथ मनाया गया,इस अवसर पर आयोजक विपिन बाजपेई, वीरेंद्र मिश्र, घनश्याम त्रिपाठी,प्रेमादेवी यादव, पुष्पा सिंह चौहान, सुषमा द्विवेदी, शंकर शर्मा, नेहा मिश्रा,इन्दु मिश्रा,एडवोकेट अमित सिंह चौहान. उपस्थित रहे।